Aarti Shree Sai Guruvar Ki,
Parmanand Sada Survar Ki.
Jaki Kripa Vipul Sukhkari,
Dukh, Shok, Sankat, Bhaykari
Shirdi Mein Avtar Rachaya,
Chamatkar Se Tatva Dikhaya
Kitne Bhakt Charan Par Aaye,
Veh Sukh-Shanti Chirtan Paye
Bhav Dhare Mann Mein Jaisa,
Pavat Anubhav Woh Hi Waisa
Guru Ki Lagave Tan Ko,
Samadhan Lahbhat Uss Mannko
Sai Naam Sada Jo Gave,
So Phal Jag Mein Shshvat Pave
Guruvarsar Kari Pooja-Seva,
Uss Par Kripa Karat Gurudeva
Ram, Krishna, Hanuman Roop Mein,
De Darshan Jaanat Jo Mann Mein
Vividh Dharm Ke Sevak Aate,
Darshan Se Eechit Phal Pate
Jai Bolo Saibaba Ki,
Jai Bolo Avdhotguru Ki
'Saidass' Aarti Ko Gave,
Ghar Mein Basi Sukh, Mangal Pave
~*~*~*~
श्री
साईं गुरुवर
की आरती
आरती
श्री साईं
गुरुवर की
परमानन्द सदा सुरवर की
जाकी कृपा विपुल सुखकारी
दुःख, शोक, संकट, भयहारी
शिरडी में अवतार रचाया
चमत्कार से तत्व दिखाया
कितने भक्त चरण पर आये
वे सुख शांति चिरंतन पाये
भावः चारे मन में जैसा
पावत अनुभव वो ही वैसा
गुरु की लगावे तन को
समाधान लाभत उस मनको
साईं नाम सदा जो गावे
सो फल जग में शाश्वत पावे
गुरुबारसर करी पूजा सेवा
उस पर कृपा करत गुरुदेवा
राम, कृष्ण, हनुमान रूप में
दे दर्शन जानत जो मन में
विविध धर्म के सेवक आते
दर्शन से इच्छित फल पाते
जय बोलो साईबाबा की
जय बोलो अवधुतगुरु की
साईंदास आरती को गावे
घर में बसी सुख, मंगल पावे
परमानन्द सदा सुरवर की
जाकी कृपा विपुल सुखकारी
दुःख, शोक, संकट, भयहारी
शिरडी में अवतार रचाया
चमत्कार से तत्व दिखाया
कितने भक्त चरण पर आये
वे सुख शांति चिरंतन पाये
भावः चारे मन में जैसा
पावत अनुभव वो ही वैसा
गुरु की लगावे तन को
समाधान लाभत उस मनको
साईं नाम सदा जो गावे
सो फल जग में शाश्वत पावे
गुरुबारसर करी पूजा सेवा
उस पर कृपा करत गुरुदेवा
राम, कृष्ण, हनुमान रूप में
दे दर्शन जानत जो मन में
विविध धर्म के सेवक आते
दर्शन से इच्छित फल पाते
जय बोलो साईबाबा की
जय बोलो अवधुतगुरु की
साईंदास आरती को गावे
घर में बसी सुख, मंगल पावे
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